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नई दिल्ली: राजग सरकार ने उत्तर प्रदेश में हवाईअड्डा परियोजनाओं को पटरी पर लाते हुए उनके काम में तेजी लाई है और इनमें से इलाहाबाद व आगरा हवाईअड्डों के दो महीनों में परिचालन में आने की संभावना है। राज्य में अगले वर्ष की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।इन सभी हवाईअड्डा परियोजनाओं की पहल पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई थी। राज्य में सात क्षेत्रीय हवाईअड्डों के विकास की प्रगति का आकलन करने तथा प्रस्तावित क्षेत्रीय संपर्क योजना की यहां हुई समीक्षा बैठक में नागर विमानन मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को गौतम बुद्ध नगर के जेवर में सर्वे का काम यथाशीघ्र पूरा करने की सलाह दी। उल्लेखनीय है कि भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण ने फरवरी 2014 में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ आगरा, इलाहबाद, बरेली, कानपुर, फैजाबाद, मेरठ तथा मुरादाबाद में हवाईअड्डे के विकास को लेकर सहमति पत्र पर दस्तखत किये थे। मंत्रालय, एएआई तथा उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद नागर विमानन राज्यमंत्री महेश शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के तहत आगरा तथा इलाहबाद में परिचालन तुरंत शुरू हो जाएगा जबकि बरेली तथा कानपुर के दो अन्य क्षेत्रीय हवाईअड्डों से परिचालन इस साल के अंत तक शुरू होगा।’

बासेल: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि केंद्रीय बैंकों से जरूरत से ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए और न ही उन्हें हमेशा यह दावा करना चाहिए कि उनके पास हर समस्या से निपटने का कोई न कोई नुस्खा बचा रहता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि उभरते बाजारों में परिस्थितियां ‘बहुत कठिन’ हैं। राजन ने वैश्विक वित्तीय संकट से केंद्रीय बैंकों को मिली सीख पर एक परिचर्चा के दौरान ये बातें कहीं। राजन ने परिचर्चा के दौरान औद्योगिक देशों की इस बात के जमकर खिंचाई की कि वे उभरते बाजारों को ‘परंपरागत’ मौद्रिक नीति की राह पर बने रहने की सलाह देते हैं लेकिन खुद परंपराओं को हवा में उड़ा चुके हैं। यह परिचर्चा यहां अंतरराष्ट्रीय निपटान बैंक :बीआईएस: की सालाना आम बैठक में जैकबसन फाउंडेशन व्याख्यान के बाद हुई। यह व्याख्यान 26 जून को जेपी मोर्गन चेज इंटरनेशनल के चेयरमैन जैकब फ्रेंकेल ने दिया था। इसका ब्यौरा अब जारी किया गया। परिचर्चा में बैंक ऑफ मैक्सिको के गवर्नर अगुस्तुन कार्सटेंस व बैंक ऑफ फ्रांस के गवर्नर फ्रांस्वा लिवेराय दे गलहाउ ने भी भाग लिया। राजन ने हाल ही में घोषणा कर चुके हैं कि वे रिजर्व बंक के गवर्नर पद पर दूसरा कार्यकाल नहीं लेंगे। उनका मौजूदा कार्यकाल चार सितंबर को समाप्त होगा। आईएमएफ के पूर्व अर्थशास्त्री राजन को वैश्विक वित्तीय संकट का अनुमान लगाने का श्रेय दिया जाता है।

नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड के बैंकों में अपने नागरिकों के जमा धन की सूची में भारत खिसककर 75वें स्थान पर पहुंच गया है। इस सूची में ब्रिटेन टॉप पर है। पिछले साल भारत इस सूची में 61वें स्थान पर था। स्विस बैंकों में जमा धन मामले में 2007 तक भारत टॉप 50 देशों में होता था। 2004 में भारत इस सूची में अपनी सबसे ऊपरी रैंकिंग यानी 37वें स्थान पर था। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के ताजा सालाना आंकड़ों के अनुसार, स्विस बैंकों में विदेशी ग्राहकों की जमा राशि 2015 के अंत तक करीब 4% घटकर 1,420 अरब स्विस फ्रैंक (लगभग 98 लाख करोड़ रुपये) पर आ गई। अलग-अलग देशों की बात की जाए, तो स्विस बैंकों में जमा विदेशियों के धन में करीब 25% यानी 350 अरब स्विस फ्रैंक ब्रिटेन के नागरिकों का है। 196 अरब स्विस फ्रैंक के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर है। उसकी हिस्सेदारी करीब 14% की है। इसके अलावा किसी देश का हिस्सा 10% से अधिक नहीं है। इस सूची में शीर्ष दस देशों में वेस्ट इंडीज, जर्मनी, बहामास, फ्रांस, गर्नसी, लग्जमबर्ग, हांगकांग तथा पनामा शामिल हैं। भारत इस सूची में 1.2 अरब स्विस फ्रैंक या 8,392 करोड़ रुपये के साथ 75 वें स्थान पर है। यह स्विस बैंकों में जमा विदेशी धन का 0.1% से भी कम है। इस सूची में पाकिस्तान, भारत से उपर 69वें स्थान पर है।

नई दिल्ली: फीचर फोन की कीमतें पांच प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। उद्योग के लोगों का कहना है कि चीन में कुछ कारखाने बंद होने की वजह से महत्वपूर्ण पार्ट्स की आपूर्ति घटी है, जिससे इनकी लागत बढ़ रही है। मोबाइल फोन उद्योग के संगठन इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन (आईसीए) का मानना है कि फीचर फोन के दाम 3 से 5 प्रतिशत बढ़ेंगे, क्योंकि डिस्प्ले और बैटरी जैसे कलपुर्जे महंगे हो रहे हैं। आईसीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने कहा, डिस्प्ले और बैटरी फीचर फोन के दो महत्वपूर्ण कलपुर्जे हैं। चीन में एकीकरण की वजह से इनकी आपूर्ति पर दबाव है और साथ ही इन पार्ट्स के दाम भी बढ़ रहे हैं। उद्योग के आंकड़ों के अनुसार देश में स्मार्टफोन की बिक्री बढ़ने के बावजूद अभी भी 60 प्रतिशत मोबाइल उपभोक्ता फीचर फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ट्राई के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल, 2016 तक देश में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 82.6 करोड़ थी।

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