ताज़ा खबरें
सीमावर्ती इलाकों में एअर इंडिया-इंडिगो की उड़ानें रद्द, एडवाइजरी जारी
अमृतसर में जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत, 6 की हालात गंभीर
पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ स्थगित हुआ है: पीएम मोदी
सरकार स्पष्ट करे, अमेरिकी मध्यस्थता की अनुमति क्यों दी गयी: पवार

वाशिंगटन : भारत को प्राय: ‘वैश्विक अर्थव्यस्था में चमकता बिंदु’ बताए जाने के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को लगता है कि यह कुछ कुछ ‘अंधों में काना राजा’ जैसा मामला है। कमजोर वैश्विक आर्थिक हालात के बीच आईएमएफ सहित विभिन्न संस्थानों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को आर्थिक वृद्धि के लिहाज से ‘चमकते बिंदुओं में से एक’ करार दिया है। राजन की अगुवाई में रिजर्व बैंक को भी इस बात का श्रेय दिया जाता है कि उसने देश की वित्तीय प्रणाली को बाहरी झटकों से बचाने के लिए उचित कदम उठाए हैं। राजन से जब ‘चमकते बिंदु’ वाले इस सिद्धांत पर उनकी राय जाननी चाही तो उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें अब भी वह स्थान हासिल करना है जहां हम संतुष्ट हो सकें। हमारे यहां लोकोक्ति है, ‘अंधों में काना राजा।’ हम थोड़ा बहुत वैसे ही हैं।’ अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री राजन यहां विश्व बैंक व आईएमएफ की सालाना बैठक के साथ साथ जी20 के वित्तमंत्रियों व केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक में भाग लेने यहां आए हैं। डाउ जोंस एंड कंपनी द्वारा प्रकाशित पत्रिका मार्केटवाच को एक साक्षात्कार में राजन ने कहा, ‘हमारा मानना है कि हम उस मोड़ की ओर बढ़ रहे हैं जहां हम अपनी मध्यावधि वृद्धि लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं क्योंकि हालात ठीक हो रहे हैं। निवेश में मजबूती आ रही है। हमारे यहां काफी कुछ व्यापक स्थिरता है।

वॉशिंगटन: ‘पनामा पेपर्स’ घोटाले के परिप्रेक्ष्य में भारत सहित जी 20 के देशों ने कर चोरों के पनाहगार, फर्जी कंपनियों और आतंकवादी अर्थव्यवस्था पर वितीय पारदर्शिता और समय रहते महत्वपूर्ण सूचना को साझा कर कार्रवाई करने की मांग की। जी 20 देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर की बैठक के बाद विज्ञप्ति जारी किया गया जो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के वार्षिक स्प्रिंग मीटिंग के इतर आयोजित किया गया था। भारत की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बैठक में हिस्सा लिया। भारत के लिए कर चोरों के पनाहगार और फर्जी कंपनियों पर कार्रवाई शीर्ष प्राथमिकता है खासकर ‘पनामा पेपर्स’ के जारी होने के बाद जिसमें 500 से ज्यादा भारतीयों के नाम आए हैं जिन्होंने विदेशों में फर्जी कंपनियां बनाकर कर चोरी की।

वॉशिंगटन: ‘पनामा पेपर्स’ घोटाले के परिप्रेक्ष्य में भारत सहित जी 20 के देशों ने कर चोरों के पनाहगार, फर्जी कंपनियों और आतंकवादी अर्थव्यवस्था पर वितीय पारदर्शिता और समय रहते महत्वपूर्ण सूचना को साझा कर कार्रवाई करने की मांग की। जी 20 देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर की बैठक के बाद विज्ञप्ति जारी किया गया जो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के वार्षिक स्प्रिंग मीटिंग के इतर आयोजित किया गया था। भारत की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बैठक में हिस्सा लिया। भारत के लिए कर चोरों के पनाहगार और फर्जी कंपनियों पर कार्रवाई शीर्ष प्राथमिकता है खासकर ‘पनामा पेपर्स’ के जारी होने के बाद जिसमें 500 से ज्यादा भारतीयों के नाम आए हैं जिन्होंने विदेशों में फर्जी कंपनियां बनाकर कर चोरी की।

वॉशिंगटन: ‘पनामा पेपर्स’ घोटाले के परिप्रेक्ष्य में भारत सहित जी 20 के देशों ने कर चोरों के पनाहगार, फर्जी कंपनियों और आतंकवादी अर्थव्यवस्था पर वितीय पारदर्शिता और समय रहते महत्वपूर्ण सूचना को साझा कर कार्रवाई करने की मांग की। जी 20 देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर की बैठक के बाद विज्ञप्ति जारी किया गया जो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के वार्षिक स्प्रिंग मीटिंग के इतर आयोजित किया गया था। भारत की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बैठक में हिस्सा लिया। भारत के लिए कर चोरों के पनाहगार और फर्जी कंपनियों पर कार्रवाई शीर्ष प्राथमिकता है खासकर ‘पनामा पेपर्स’ के जारी होने के बाद जिसमें 500 से ज्यादा भारतीयों के नाम आए हैं जिन्होंने विदेशों में फर्जी कंपनियां बनाकर कर चोरी की।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख