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रोम: इटली ने फिर से अपने विवादास्पद कार्यक्रम के तहत शरणार्थियों को अल्बानिया भेजना शुरू कर दिया है। यह कदम रोम के जजों की तरफ से स्थानांतरण के खिलाफ फैसला सुनाए जाने के कुछ महीने बाद उठाया गया है। रविवार को एक इतालवी नौसेना पोत ने 49 शरणार्थियों को अल्बानिया भेजा। यह कदम इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की प्रवासियों की संख्या को कम करने की योजना का हिस्सा है।

यह योजना विवादास्पद है क्योंकि अल्बानिया यूरोपीय संघ (ईयू) का सदस्य नहीं है, जिससे शरणार्थियों को ईयू के शरण नियमों के तहत सुरक्षा नहीं मिलती।

आलोचकों का कहना है कि यह कार्यक्रम महंगा और अप्रभावी है, क्योंकि इसका खर्च 800 मिलियन यूरो (करीब 840 मिलियन अमेरिकी डॉलर) है और यह इटली में आने वाले सभी प्रवासियों का सिर्फ एक छोटा हिस्सा ही कवर करेगा। 2024 में 66,000 से अधिक शरणार्थी इटली पहुंचे, जो पिछले साल के 158,000 से काफी कम हैं। अक्टूबर 2023 में इटली ने अल्बानिया में दो नए केंद्रों में प्रवासियों को स्थानांतरित करना शुरू किया।

बेलग्रेड: सर्बिया के प्रधानमंत्री मिलोस वुसेविक ने कई सप्ताह से जारी भ्रष्टाचार विरोधी व्यापक विरोध प्रदर्शन के चलते मंगलवार को पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। उत्तरी शहर नोवी सैड में नवंबर में एक छज्जा ढहने के बाद देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई थी। छज्जा ढहने की घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी। प्रदर्शनों को सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुसिक के निरंकुश शासन के प्रति व्यापक असंतोष के रूप में देखा जा रहा। वुसिक सर्बिया में लोकतांत्रिक स्वतंत्रता को कुचलने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। वहीं, उन्होंने बाल्कन क्षेत्र के इस संकटग्रस्त राष्ट्र के लिए औपचारिक रूप से यूरोपीय संघ की सदस्यता मांगी है।

वुसेविक ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके इस्तीफे का उद्देश्य सर्बिया में तनाव कम करना है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी से शांति बनाए रखने और बातचीत की मेज पर लौटने की अपील करता हूं।’’ वुसेविक ने कहा कि नोवी सैड के मेयर मिलन ज्यूरिक भी मंगलवार को पद छोड़ देंगे। वुसेविक के इस्तीफे से देश में संसदीय चुनाव समय से पहले होने की संभावना है।

ब्रैज़ाविल: कांगो की राजधानी में प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को रवांडा, फ्रांस और बेल्जियम सहित कई देशों के दूतावासों पर हमला किया। प्रदर्शनकारियों ने रवांडा समर्थित एम23 विद्रोहियों के देश के संघर्षग्रस्त पूर्वी हिस्से के एक प्रमुख शहर में आगे बढ़ने के विरोध स्वरूप हमले किए।घटनास्थल पर मौजूद एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों के अनुसार, पुलिस ने किंशासा में दूतावासों की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। पत्रकारों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने इमारतों के कुछ हिस्सों में या तो लूटपाट की या आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने केन्या और युगांडा के दूतावासों पर भी हमला किया।

एम23 विद्रोही उन लगभग 100 सशस्त्र समूहों में से एक हैं, जो इस खनिज-समृद्ध क्षेत्र में पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं। कांगो के सुरक्षा बलों ने मंगलवार को रवांडा समर्थित विद्रोहियों का मुकाबला किया, जो दशकों से जारी संघर्ष में एक प्रमुख पूर्वी शहर में आगे बढ़े हैं। निवासियों ने 20 लाख की आबादी वाले शहर गोमा में रात भर गोलीबारी की सूचना दी, जिस पर विद्रोहियों ने सोमवार को कब्जा करने का दावा किया था।

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद को अस्थायी रूप से रद्द करने का ऐलान किया है। इस फैसले की वजह से अमेरिका फंडिंग से चल रही कई विकास परियोजनाएं रुक जाएंगी। जानकारी के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने सभी वाणिज्य दूतावास और राजनयिक मिशनों को विदेशी सहायता कार्यक्रमों को तत्काल निलंबित करने का निर्देश दिया है, शुरुआत में कम से कम 90 दिनों की अवधि के लिए। सहायता निलंबन में यूक्रेन, ताइवान, जॉर्डन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों को दी जाने वाली प्रमुख अमेरिकी सहायता शामिल है।

पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी ने कहा, "पुनर्मूल्यांकन लंबित रहने तक पाकिस्तान के लिए सभी सहायता कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। पुनर्मूल्यांकन प्रारंभिक 90-दिवसीय अवधि के बाद किया जा सकता है।" अमेरिकी पैसे से चल रहे कई विकास कार्यक्रमों में, सांस्कृतिक संरक्षण के लिए राजदूत फंड और पाकिस्तान के ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित कम से कम पांच अन्य प्रोजेक्ट सहित महत्वपूर्ण परियोजनाओं को भी स्थगित हुई हैं।

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