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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

नई दिल्‍ली (जनादेश ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुप्रतीक्षित ‘‘मंत्रिमंडल का विस्तार’’ आज (मंगलवार) सुबह 11 बजे होगा। यह जानकारी आज सरकार के प्रधान प्रवक्ता फ्रैंक नोरोन्हा ने दी। मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा पिछले कई महीनों से चल रही थी और ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश से नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव होने वाले हैं। खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल के असम के मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्रिपरिषद में भी एक स्थान खाली है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अफ़्रीका यात्रा पर रवाना होने से पहले अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करना चाहते थे। इस बाबत राष्ट्रपति भवन के अशोक हाल में ‘‘मंत्रिमंडल का विस्तार’’ की तैयारी की जा रही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा से पहले उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनज़र अपनी नई टीम तैयार करना चाहते है। लिहाजा मंत्रिमंडल विस्तार में उत्तर प्रदेश को विशेष महत्व दिए जाने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले संभावित चेहरों में पुरुषोत्तम रुपाला, रामदास अठावले, अनुप्रिया पटेल, अजय टम्टा, कृष्णा राज, एसएस अहलूवालिया, महेंद्रनाथ पांडे, अर्जुन राम मेघवाल,पीपी चौधरी का नाम शामिल है । ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम राज्य मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी को कैबिनेट मंत्री का ओहदा दिए जाने की अटकलें हैं। कानून मंत्री सदानंद गौड़ा के साथ एक ताकतवर राज्यमंत्री को लगाया जा सकता है।

नई दिल्ली: पांच गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों को कानूनी मदद उपलब्ध कराने के फैसले को लेकर एआईएमआईएम अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी के खिलाफ रविवार को एक पुलिस शिकायत दर्ज हुई जबकि देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने की मांग करते हुए मेरठ की एक अदालत में याचिका दायर की गयी। वहीं भाजपा और जदयू ने उनके खिलाफ कार्रवाई तथा तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। भाजपा ने आईएसआईएस माड्यूल का सदस्य होने के संदेह में एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को कानूनी मदद मुहैया कराने के फैसले को लेकर ओवैसी की आलोचना की और उन पर देश को ‘धोखा’ देने का आरोप लगाया। पार्टी ने आतंकवादी समूह की ‘मदद’ के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने हैदराबाद से लोकसभा सदस्य की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की और टीआरएस सरकार से उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने को कहा। जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने भी ओवैसी को गिरफ्तार किए जाने की मांग की। वहीं ओवैसी ने कहा कि कानूनी मदद की पेशकश की बात को ‘बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है’ तथा अदालत इस पर गौर कर सकती है। हैदराबाद में एक अधिवक्ता के करूणा सागर ने सरूर नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराकर मामला दर्ज करने की मांग की। हालांकि सरूर नगर थाने के निरीक्षक एस लिगैया ने कहा, ‘हमने हैदराबाद सांसद के खिलाफ शिकायत मिली है।

नई दिल्ली: आरएसएस से जुड़े एक संगठन द्वारा नयी दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायुक्त को भेजे इफ्तार निमंत्रण को वापस लेने के बाद, संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने पाकिस्तान से अपने देश में उठ रही आजादी की मांगों के बारे में चिंता करने और कश्मीर में हस्तक्षेप बंद करने के लिए कहा। उन्होंने यह आशा भी जताई कि एक ऐसा दिन आएगा जब पाकिस्तान की बेहतर समझ होगी और वह घृणा, कटुता और हिंसा फैलाना बंद करेगा तथा शांति एवं भाईचारे को गले लगाएगा। कुमार आरएसएस से जुड़े संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की मेजबानी में आयोजित इफ्तार पार्टी में बोल रहे थे। इस संगठन ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित की कश्मीर के पंपोर में मुठभेड़ में आठ सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की घटना पर असंवेदनशील टिप्पणी के बाद बासित को भेजा न्यौता वापस ले लिया था। इंद्रेश कुमार इस संगठन के परामर्शक हैं। आरएसएस नेता ने कहा कि उन्हें आशा है कि एक ऐसा दिन आएगा जब भारत और दुनिया की मुस्लिम महिलाएं तलाक के गुनाह से मुक्त होंगी। उन्होंने यह टिप्पणी तीन बार तलाक पर जारी बहस के संदर्भ में की। उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान के अनुसार, ईश्वर को यह स्वीकार्य नहीं है। कुमार ने कहा, यही कारण है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा कि कोई घृणा या कटुता नहीं होनी चाहिए। मैं प्रार्थना करूंगा कि उन सभी देशों की समक्ष बेहतर हो जो घृणा, कटुता और हिंसा फैलाते हैं, वे समद्ध हों और अन्य को भी समद्ध होने में मदद करें।

नई दिल्‍ली: सांतवें वेतन आयोग की घोषणा में 'अल्प' वेतनवृद्धि के खिलाफ व्यापक असंतोष के बाद करीब 33 लाख सरकारी कर्मचारियों ने 11 जुलाई से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन और नेशनल जॉइंट कौंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के संयोजक शिवगोपाल मिश्र ने कहा, "सातवें वेतन आयोग में न्यूनतम मजदूरी 18,000 रुपये तय की गई है। जबकि पिछले वेतन आयोग में बेसिक पे 7,000 रुपये तय किया गया था। उन्होंने उसमें 2.57 से गुणा कर (फिटमेंट फार्मूला) 18,000 रुपये तय किया है, जबकि हम 3.68 गुणा के फिटमेंट फार्मूले की मांग कर रहे हैं।" एनजेसीए का गठन छह सरकारी विभागों के कर्मचारियों ने मिलकर किया है, जिसमें कंफेडरेशन ऑफ सेंट्रल गर्वनमेंट इंप्लाई (सीसीजीई), ऑल इंडिया डिफेंस इंप्लाई फेडरेशन और नेशनल कोर्डिनेशन कमिटी ऑफ पेंशनर्स एसोसिएशन शामिल है। वे सातवें वेतन आयोग में की गई बढ़ोतरी से नाखुश हैं। सीसीजीई के अध्यक्ष और नेशनल कोर्डिनेश्न कमिटी ऑफ पेंशनर्स एसोसिएशन के महासचिव के.के.एन. कुट्टी ने कहा, "अगर सरकार ने हमारी मांगों पर विचार का आश्वासन नहीं दिया तो करीब 33 लाख सरकारी कर्मचारी जिनमें सुरक्षा बलों के कर्मी शामिल नहीं हैं, हड़ताल पर चले जाएंगे। सबसे बड़ा विवाद न्यूनतम मजदूरी को लेकर है, जिसे हम 26,000 रुपये करने की मांग कर रहे हैं।" मिश्रा ने कहा, "हमने 30 जून की शाम मंत्रियों के एक समूह के साथ बैठक की थी, जिसमें गृहमंत्री (राजनाथ सिंह), वित्तमंत्री (अरुण जेटली) और रेल मंत्री (सुरेश प्रभु) शामिल थे।

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