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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

नई दिल्ली: भाजपा के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने नरेंद्र मोदी सरकार के 'अच्छे दिनों' पर प्रहार किया है। रघुराम राजन, अरविंद सुब्रमण्यम, अरुण जेटली के बाद उन्होंने इस बार मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए 'अच्छे दिन' पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार के 'अच्छे दिन' के दावों को सवालों में ला खड़ा किया है। ट्वीटर के जरिए स्वामी ने देश की जीडीपी के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। स्वामी ने सुबह-सुबह ट्विटर पर लिखा- 'अगर मैं इंडेक्स नंबर के सैमुअल्सन-स्वामी थ्योरी को भारतीय जीडीपी की गणना या आरबीआई इंटरेस्ट रेट पर लागू करूं तो मीडिया चिल्लाने लगेगी कि स्वामी पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल है। सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट के जरिए जिस तरह देश की जीडीपी के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं, इससे मोदी सरकार को विपक्ष निशाना बना सकती है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साक्षात्कार में अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें (सुब्रमण्यम स्वामी को) नसीहत देते हुए कहा था कि अगर कुछ लोग प्रचार पाने के लिए बयान देते हैं तो ये गलत है। इस पर उन्होंने कहा था कि मैं प्रचार के पीछे नहीं प्रचार मेरे पीछे भागता है। पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के आंकड़े जारी करते हुए दावा किया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी है।

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने राजस्थान के बीकानेर जिले में एक जमीन सौदा मामले में कथित धनशोधन की जांच के सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वड्रा से जुड़ी एक कंपनी को नया नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेज पेश करने के लिए दूसरी बार समन जारी किया गया, क्योंकि जांच एजेंसी ने पिछले महीने इस संबंध में भेजे गए पहले नोटिस के जवाब में एक वकील की पेशी को ‘गैर अधिकृत’ करते हुए उसे खारिज कर दिया था। उन्होंने बताया कि कम्पनी मेसर्स स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी को मामले के जांच अधिकारी (आईओ) के समक्ष कंपनी से संबंधी वित्तीय बयानों और अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए दो हफ्तों का समय दिया गया है। मामले में भेजे गए पहले नोटिस के जवाब में पिछले सप्ताह एक वकील ईडी के समक्ष पेश हुआ था लेकिन जांच एजेंसी ने उसे ‘‘गैर अधिकृत’’ बताते हुए यह कहकर खारिज कर दिया था कि वकील के पास कम्पनी के प्रतिनिधि के तौर पर ना तो कोई उचित कागजात हैं और ना ही कम्पनी की ओर से कोई अधिकार-पत्र। मामले के संबंध में बीकानेर जिला और अन्य जगहों पर ईडी की ओर से पिछले महीने गहन तलाशी के बाद यह नोटिस जारी किया गया है और उसने इस संबंध में कई दस्तावेज जब्त करने का दावा भी किया है।

नई दिल्ली: हरियाणा के जस्टिस एसएन धींगड़ा आयोग को गुरुवार को जांच रिपोर्ट सौंपनी थी। यह आयोग कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा समेत कई लोगों पर गलत ढंग से जमीन लेने-बेचने के आरोपों की जांच कर रहा है। गुरुवार सुबह ही वाड्रा ने अपने ऊपर लगाए जा रहे आरोपों को झूठा और राजनीतिक फायदे के लिए लगाया जा रहा बताया जबकि कांग्रेस के कई नेता धींगड़ा पर ही आरोप लगाने लगे। वैसे, धींगड़ा ने रिपोर्ट सौंपने के लिए डेढ़ माह का समय मांगा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच हुए जमीन सौदे की जांच के लिए सरकार द्वारा ढींगरा आयोग का गठन किया गया था। लंबे इंतजार के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि गुरुवार को आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा लेकिन आयोग ने फिर 6 हफ्तों का समय मांग लिया। वहीं रॉबर्ट वाड्रा ने गुरूवार को फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा,सरकार द्वारा लगभग एक दशक से मुझ पर लगाए जा रहे झूठे और आधारहीन आरोप... मुझे हमेशा राजनैतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, मैं जानता हूं... लेकिन मैं हमेशा अपना सिर ऊंचा उठाकर चलूंगा। सूत्रों के मुताबिक जस्टिस ढींगरा ने जांच के लिए और मोहलत मांगते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को सूचित किया कि उन्हें कुछ नई जानकारियां मिली हैं, जो कि इस जमीन सौदे में शामिल सरकारी अधिकारियों की पहचान में मददगार साबित हो सकती हैं।

नई दिल्‍ली (जनादेश ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (गुरूवार) कैबिनेट में संभावित फेरबदल की चर्चाओं के बीच मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक में उन्होंने अपने मंत्रियों को ये निर्देश दिया कि योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचे । जानकारी के मुताबिक़ प्रधानमंत्री ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ करीब चार घंटे तक चली बैठक के दौरान मंत्रालयों के प्रदर्शन की समीक्षा की, ताकि बजटीय आवंटन के खर्च के बाबत हक़ीक़त का पता चल सके। बैठक में मौजूद सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि योजनाओं को इस तरह से तैयार किया जाए कि उसका फायदा आम लोगों तक पहुंच सके। इस दौरान उन्होंने विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन पर संतोष जताते हुए कहा कि नई योजनाएं लाने की जरूरत नहीं है, बल्कि मौजूदा योजनाओं में ही जरूरत के मुताबिक बदलाव लाया जाए। मोदी चाहते हैं कि चुनाव घोषणापत्र में जिन योजनाओं का जिक्र किया गया है, उन्हें सही भावना के साथ लागू किया जाए, ताकि विपक्ष को सरकार पर वायदे पूरा नहीं कर पाने का आरोप लगाने का मौका न मिल सके। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, आगामी 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र से पहले केंद्रीय कैबिनेट में नए मंत्रियों के शामिल होने और कुछ जूनियर मंत्रियों को तरक्‍की मिलने की संभावना है। गौरतलब है की बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बीच इस मसले पर बैठक हुई।

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