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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 14 संवैधानिक प्रश्‍नों पर सुप्रीम कोर्ट से राय मांगी

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): राज्यसभा में 'लोकतंत्र को कुचलना' आम बात हो गई है, इस पर जोर देते हुए सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को सभापति जगदीप धनखड़ पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया और उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठाया। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि राज्यसभा के सभापति ने 'लगातार हंगामा, प्रमाणीकरण पर अनुचित जोर, अनुचित टिप्पणियां और चर्चा के लिए सार्वजनिक महत्व के मुद्दों को सूचीबद्ध करने से इनकार' के माध्यम से विपक्षी सदस्यों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लगातार दबाया है।

विपक्ष ने सभापति के खिलाफ पेश किया अविश्वास प्रस्ताव

उपराष्ट्रपति की उनकी तीखी आलोचना कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी इंडिया ब्लॉक दलों की तरफ से जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए राज्यसभा में एक नोटिस प्रस्तुत करने के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें उन पर 'अत्यधिक पक्षपातपूर्ण' होने का आरोप लगाया गया है। विपक्ष की ओर से, कांग्रेस नेता जयराम रमेश और नसीर हुसैन ने 60 विपक्षी सांसदों की तरफ से हस्ताक्षरित नोटिस राज्यसभा महासचिव को सौंपा है।

 

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस बीच सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस ने गुरुवार को लोकसभा के अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा होगी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी 14 दिसंबर को चर्चा का जवाब देंगे।

बीजेपी की ओर से जारी तीन लाइन के व्हिप में कहा गया है, "शुक्रवार और शनिवार (13 और 14 दिसंबर 2024) को दोनों सदनों में कुछ महत्वपूर्ण विधायी कार्यों पर चर्चा होनी है। सभी सांसदों से अनुरोध है कि वे दोनों दिन सदन में उपस्थित रहें।" वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी अपने लोकसभा सांसदों को 13 और 14 दिसंबर को सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।

बता दें कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 26 नवंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक अवसर पर संसद के दोनों सदनों में दो दिवसीय चर्चा कराने का अनुरोध किया था।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उपासना स्थल अधिनियम, 1991 से जुड़ी याचिकाओं पर एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए अगले आदेश तक देश की सभी अदालतों को 1991 के कानून के तहत उपासना स्थलों के सर्वेक्षण समेत राहत दिए जाने के अनुरोध संबंधी किसी भी मुकदमे पर विचार करने और कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने से रोक दिया। साथ ही कोर्ट ने किसी पूजा स्थल या ढांचे के सर्वे के आदेश पर भी रोक लगा दी है।

नया केस नहीं होगा दर्ज, केंद्र दायर करे हलफनामा

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने यह निर्देश उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 से संबंधित याचिकाओं और प्रतिवाद याचिकाओं पर दिया। इस संबंधित कानून के अनुसार 15 अगस्त, 1947 को विद्यमान उपासना स्थलों का धार्मिक स्वरूप वैसा ही बना रहेगा, जैसा वह उस दिन था। यह किसी धार्मिक स्थल पर फिर से दावा करने या उसके स्वरूप में बदलाव के लिए वाद दायर करने पर रोक लगाता है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने गुरुवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया। उच्च सदन में विपक्षी नेताओं के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में यह विशेषाधिकार प्रस्ताव लाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस विशेषाधिकार प्रस्ताव को इंडिया गुट के 60 विपक्षी सांसदों का समर्थन मिला है और इन विपक्षी सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।

सागरिका घोष ने किरेन रिजिजू पर लगाया विपक्ष के अपमान का आरोप

टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने कहा कि 'कल सदन में विपक्ष को संबोधित करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि आप सभी इस सदन में रहने के योग्य नहीं हैं। संसदीय कार्य मंत्री को संसद को सुचारू रूप से चलाने पर फोकस करना चाहिए, लेकिन वे इसके बजाय बार-बार विपक्ष का अपमान कर रहे हैं।' घोष ने कहा कि 'किरेन रिजिजू ने विपक्षी सदस्यों का अपमान किया है।'

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