ताज़ा खबरें
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 14 संवैधानिक प्रश्‍नों पर सुप्रीम कोर्ट से राय मांगी
जम्मू-कश्मीर के त्राल में एनकाउंटर, सुरक्षाबलों ने एक आतंकी किया ढेर
मंत्री विजय शाह पर चार घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज करें: हाईकोर्ट
बीएसएफ जवान को पाकिस्तान ने लौटाया, अटारी बॉर्डर से वतन लौटा

जयपुर: राजस्थान में जारी राजनीतिक खींचतान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि राजनीति 'गुणा-भाग' का खेल है, जहां जो दिखता है वो होता नहीं है और जो होता है वो दिखता नहीं है। गहलोत सोमवार को 'इन्वेस्ट राजस्थान' को लेकर बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे, जो 7 और 8 अक्टूबर को होगा।

मुख्यमंत्री ने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ''कभी-कभी पसंद और नापसंद पर खबरें चलाई जाती हैं, जो किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं करती हैं और अंततः यह मीडिया की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाती हैं क्योंकि लोगों की सामान्य समझ असाधारण है और वे सब कुछ समझते हैं।''

बता दें कि, 25 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाए जाने से राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। इस बैठक को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद चुनाव के लिए गहलोत की संभावित उम्मीदवारी के मद्देनजर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की कवायद के रूप में देखा गया था।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने वफादार विधायकों का बचाव करते हुए कहा कि वह राज्य में 2020 के विद्रोह के दौरान अपनी सरकार को बचाने वाले 102 विधायकों को नहीं छोड़ सकते। साथ ही उन्होंने 2020 में उनके खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों पर हमला करते हुए कहा कि वे लोग बीजेपी के साथ हैं।

गहलोत ने कहा, "हमारे कुछ विधायक अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और अन्य नेताओं से मिले। अमित शाह हमारे विधायकों को मिठाई खिला रहे थे, तो मैं उन 102 विधायकों को कैसे भूल सकता हूं, जिन्होंने कांग्रेस सरकार को बचाया।" उन्होंने कहा, "जब भी मुझे जरूरत पड़ी, राजनीतिक संकट के दौरान या कोरोना के दौरान मुझे जनता का समर्थन मिला। इसलिए मैं उनसे कैसे दूर रह सकता हूं।"

गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिए बिना संकेत दिया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उनकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि राज्य में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर विधायकों में नाराजगी क्यों है।

बीकानेर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी के दंडवत प्रणाम पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि पीएम मोदी मुझसे ज्यादा विनम्र दिखना चाहते हैं, इसलिए ऐसा कर रहे हैं। सीएम गहलोत ने कहा कि इस तरह प्रणाम करने के बजाय प्रधानमंत्री मोदी को देशवासियों को भाईचारे एवं मोहब्‍बत का संदेश देना चाहिए। इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि कांग्रेस आज भी देश में मजबूत विपक्ष देने की स्थिति में है।

उन्होंने आगे कहा कि पीएम व‍िनम्र रहें, लेकिन देशवासियों को भाईचारे का, प्‍यार मोहब्‍बत का संदेश दें और यह कहें कि मैं देश में क‍िसी भी कीमत पर हिंसा बर्दाश्‍त नहीं करूंगा। यह संदेश तो वह दे नहीं रहे, मेरी सलाह तो मान नहीं रहे। तीन बार दंडवत करके क्‍या बताना चाहते हो। हमें पता है कि आप देश के प्रधानमंत्री हैं, आपका मान सम्‍मान है। अगर कल वे यह अपील करते तो मैं उनको टेलीफोन कर बधाई देता कि प्रधानमंत्रीजी आपने बहुत अच्‍छा किया। लेकिन उन्‍होंने केवल दंडवत किया। दंडवत क्यों किया। सिर्फ यह बताने के लिए कि अशोक गहलोत हंबल है, तो मैं भी हूं।

जयपुर: राजस्थान के मंत्री और अशोक गहलोत के वफादार प्रताप कचरियावास ने ये कहकर उथल-पुथल मचा दी कि सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने का मतलब राज्य को बीजेपी को सौंपना है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत के दिल्ली जाने के बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाना राज्य को बीजेपी को सौंपने जैसा होगा। कचरियावास ने संवाददाताओं से कहा, "प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग, सीबीआई अधिकारी राजस्थान में बैठे हैं। भाजपा का खेल शुरू हो गया है। भाजपा फिर से राजस्थान सरकार को गिराने की साजिश में लगी हुई है।"

वहीं सूत्रों का कहना है कि गांधी परिवार गहलोत से उनके वफादारों के विद्रोह को लेकर बेहद नाराज हैं। गहलोत गुट के तीन विधायकों को आलाकमान ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में एक्शन लेते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल, सचेतक महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ को कांग्रेस अनुशासन समिति ने मंगलवार रात को नोटिस जारी किया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख