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जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 'गद्दार' कहे जाने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने गुरुवार को कहा कि इस तरह के अनुभवी व्यक्ति को ऐसे शब्द शोभा नहीं देते। इस समय प्राथमिकता भाजपा को हराने के लिए एकजुट होने की और राहुल गांधी के हाथ को मजबूत करने की है। आज राहुल गांधी देशभर में पार्टी को मजबूती देने की कोशिश कर रहे हैं और इस तरह की बयानबाजी ठीक नहीं है। आज पार्टी को मजबूत करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक इंटरव्यू में सचिन पायलट के लिए गद्दार शब्द का इस्तेमाल किया। यह भी कहा कि दस विधायकों का समर्थन तो है नहीं, उन्हें क्यों सीएम बनना चाहिए। इतना ही नहीं, गहलोत तो यह भी कह गए कि सचिन पायलट तो भाजपा नेताओं के साथ मिलकर सरकार गिराना चाहते थे। इन बयानों पर सचिन पायलट ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है।

पायलट ने कहा कि गहलोत मुझे निकम्मा, नाकारा और गद्दार और न जाने क्या-क्या कह रहे हैं, लेकिन ऐसी भाषा बोलना मेरी परवरिश का हिस्सा नहीं रही।

जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति नई करवट लेने को तैयार है। अगले महीने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश से राजस्थान में प्रवेश करने वाली है। सचिन पायलट भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ कदमताल कर रहे हैं। राजस्थान में हर दूसरे दिन कोई न कोई पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर देता है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पायलट ने गद्दारी की है। वह मुख्यमंत्री नहीं बनाए जा सकते। उन्हें तो दस विधायकों तक का समर्थन नहीं है। उन्हें कोई स्वीकार नहीं करेगा।

गहलोत का यह बयान गुरुवार को सामने आया। उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पायलट की सीएम की कुर्सी पर दावेदारी पर खुलकर बात रखी है। गहलोत ने कहा कि पायलट गद्दारी कर चुके हैं। इसे मैंने और हमारे विधायकों ने भुगता है। हमें 34 दिन होटलों में रहना पड़ा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान भी इसमें शामिल थे। सीएम के सवाल पर गहलोत ने कहा कि हाइकमान की ओर से मुझे कोई संकेत नहीं है। मैं हाईकमान के साथ हूं। पायलट को कोई स्वीकार नहीं करेगा।

नई दिल्ली: कांग्रेस के लिए राजस्थान समस्या बनता जा रहा है। एक को समझाने पर दूसरा आंख दिखाने लगता है। मुख्यमंत्री पद के लिए अशोक गहलौत और सचिन पायलट की जंग में कांग्रेस पिसती नजर आ रही है। अब भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से ठीक पहले राहुल गांधी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट के बीच राज्य में चल रही जंग की याद दिलाकर फैसला लेने का दबाव बनाया जा रहा है। सितंबर में पार्टी के खिलाफ बगावत करने वाले और अशोक गहलोत का समर्थन करने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सचिन पायलट द्वारा खुले तौर पर कांग्रेस से कहने के कुछ दिनों बाद ही गुर्जर समुदाय के एक नेता ने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर अल्टीमेटम दे दिया है।

गुर्जर नेता विजय सिंह बैंसला ने सोमवार रात कहा, "मौजूदा कांग्रेस सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं और एक साल बचा है। अब सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। अगर ऐसा होता है, तो आपका (राहुल गांधी) स्वागत है, नहीं तो हम विरोध करेंगे।"

जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट में मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस नेता अजय माकन ने राजस्थान प्रभारी का पद छोड़ दिया है। माकन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखकर अब राजस्थान प्रभारी के तौर पर काम करने से मना कर दिया है। उन्होंने 8 नवंबर को एक बार फिर खड़गे को चिट्ठी लिखकर मौजूदा सियासी हालात में दूसरा प्रभारी खोजने की अपील की है। इस चिट्ठी के बाद अब माना जा रहा है कि माकन राजस्थान प्रभारी के तौर पर काम नहीं करेंगे। माकन पहले ही बाकी पदाधिकारियों के साथ इस्तीफा दे चुके हैं।

अजय माकन ने चिट्ठी में 25 सितंबर को गहलोत गुट के विधायकों की बगावत और उस पर एक्शन नहीं होने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने लिखा कि दिसंबर के पहले सप्ताह में भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान आ रही है। 4 दिसंबर को उपचुनाव हो रहे हैं। ऐसे में राजस्थान का नया प्रभारी नियुक्त किया जाना जरूरी है। भारत जोड़ो यात्रा और उपचुनाव से पहले प्रदेश प्रभारी का पद छोड़ना कांग्रेस की खींचतान में नया चैप्टर माना जा रहा है।

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