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जयपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बिरेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि लोक अदालतें आपसी सामंजस्य व सहयोग से विवादों को निपटाने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। सिंह राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के तत्वाधान में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत की पूरे राजस्थान में शुरुआत कर रहे थे।

उन्होंने जयपुर स्थित राजस्थान उच्च न्यायालय के परिसर में इस लोक अदालत की शुरुआत की। इस अवसर पर न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि लोक अदालतें, आपसी सामंजस्य व सहयोग से आमजन के विवादों का निपटारा करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है।

उन्होंने कहा कि लोक अदालत की बेंचों में पूर्व एवं सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में मामलों की सुनवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि पूर्व न्यायाधीश के अनुभवों के लाभ से इन परिवादों का निपटारा आसान एवं सुलभ हो जाता है. लोक अदालत से आमजन को पूरी तरह से राहत मिलती है।

जयपुर: पूर्व कैबिनेट मंत्री और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी ने अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कभी अशोक गहलोत के वफादार रहे हरीश चौधरी ने ओबीसी कोटे में पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण ओबीसी कोटा कमजोर कर रहा है। इसे ओबीसी कोटे से अलग किया जाना चाहिए।

हरीश चौधरी ने कहा कि इसे अशोक गहलोत कैबिनेट में मंजूरी के लिए उठाया गया था। लेकिन कैबिनेट ने इसे टाल दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ओबीसी आरक्षण में विसंगतियों से अवगत हैं। उन्होंने इसे कई बार सीएमएस नोटिस में लाया था। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट में मांगा, लेकिन ओबीसी आरक्षण में विसंगति पर फैसला टाल दिया।
       
उन्होंने कहा कि हम कैबिनेट से मांग करते हैं कि ओबीसी कोटे में विसंगतियों को दूर करने पर निर्णय जल्द लिया जाए, नहीं तो फिर इस मामले पर अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे।

जयपुर: राजस्थान में एक बार फिर से सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत की जंग तेज हो गई है। एक तरफ सचिन पायलट ने हाईकमान से बदलाव की मांग दोहराई है तो वहीं अशोक गहलोत ने तल्ख तेवर दोहराते हुए उन्हें अनुशासन में रहने की सीख दी है। उन्होंने कहा कि केसी वेणुगोपाल ने बेवजह के बयानों से दूर रहने को कहा था। ऐसे में अनुशासन की उस सीख का ध्यान रखना चाहिए। सचिन पयालट ने बुधवार को कहा कि राजस्थान में अनिर्णय के माहौल को समाप्त करने का वक्त आ गया है। पार्टी जल्द इस मसले पर कदम उठाएगी।

इस बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तल्खी भी दिखी है। ऐसे में दोनों नेताओं के बयान के सामने आने से राजस्थान में कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान एकबार फिर उजागर हो गई है। सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने इसे कांग्रेस का अंदरूनी मामला बताया है। वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस दो गुटों में विभाजित है। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक मेघवाल ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के भीतर की खेमेबाजी की वजह से सूबे की प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है।

जयपुर: राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में आंतरिक विवाद समाप्त होता नहीं दिखाई दे रहा है। सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफदार विधायकों पर वार करते हुए उन्हें सजा देने की मांग की है। सचिन पायलट ने कहा कि नए कांग्रेस अध्यक्ष को राजस्थान के 'बागी' विधायकों' को सज़ा देनी चाहिए।

पत्रकारों से चर्चा में सचिन पायलट ने कहा कि जहां तक राजस्थान की बात है, सब जानते हैं कि 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। वह मीटिंग हो नहीं पाई। उसके लिए खुद मुख्यमंत्री जी ने सॉरी फील किया। माफी भी मांगी थी। पार्टी से भी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जी से भी। उसके बाद जो पर्यवेक्षक यहां आए थे- अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे साहब। उन्होंने भी इसे गंभीरता से लिया था। उस पर संज्ञान लेने के बाद एआईसीसी ने इसे अनुशासनहीनता का मामला माना।

सचिन पायलट ने कहा कि तीन लोगों को नोटिस दिया गया। नोटिस का जवाब दिया गया है। मैं मानता हूं कि कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है। अनुशासित पार्टी है। इस पार्टी में सबके लिए नियम और कायदे-कानून बराबर हैं।

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