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वक्फ कानून के खिलाफ नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

जयपुर: राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से जारी सियासी उठापटक पर राजस्थान हाईकोर्ट से सचिन पायलट गुट को एक बार फिर राहत मिली है। अदालत ने स्पीकर के नोटिस पर फिलहाल स्टे लगाते हुए यथास्थिति को बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं। यानी स्पीकर विधायकों को अयोग्य करार नहीं दे पाएंगे। हालांकि अन्य मामलों को लेकर अदालत में सुनवाई जारी है। आगे की सुनवाई में इस मामले के कानून पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा इसके अलावा राजस्थान कोर्ट ने सचिन पायलट, बागी विधायकों की ओर से अयोग्यता के मुद्दे पर दायर याचिका में भारत सरकार को पक्षकार बनाए जाने की मांग भी स्वीकार कर ली है।

फ्रीडम ऑफ स्पीच को आधार बनाते हुए सचिन पायलट की ओर से दायर याचिका को कोर्ट ने सही माना है। सचिन पायलट और उनके गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए राजस्थान विधानसभा स्पीकर की ओर से 14 जुलाई को जारी नोटिस को चुनौती दी गई थी। इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान स्पीकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के हाईकोर्ट के आदेश देने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। 

नई दिल्ली: राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि विधानसभा सत्र जल्द ही बुलाया जाएगा। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि उनके पास बहुमत है। अशोक गहलोत का बयान राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले से ठीक एक दिन पहले आया है। बता दें कि सचिन पायलट कैंप की ओर से उन्‍हें विधानसभा सदस्‍यता से अयोग्‍य ठहराने को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार सुबह 10.30 बजे राजस्थान हाई कोर्ट का फैसला आएगा। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, 'हम जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाएंगे। हमारे पास बहुमत है। सभी कांग्रेस विधायक एकजुट हैं।'

बागी विधायकों को कांग्रेस की ओर से अयोग्य ठहराए जाने संबंधी मामले में हाईकोर्ट में सचिन पायलट की ओर से वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी पैरवी कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने अपने सबसे तेज कानूनी विशेषज्ञों में से एक अभिषेक मनु सिंघवी को मैदान में उतारा है। कोर्ट में सचिन पायलट की ओर से वकील हरीश साल्वे ने गुरुवार को कहा कि सदन से बाहर हुई कार्यवाही के लिये अध्यक्ष नोटिस जारी नहीं कर सकते और नोटिस की संवैधानिक वैधता नहीं है।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में पड़ रहे केंद्रीय एजेंसियों के छापों से वे घबराने वाले नहीं हैं और न ही उनका मिशन रुकेगा। गहलोत ने एक सवाल के जवाब में जयपुर में संवाददाताओं से कहा कि इन छापों से न हम घबराने वाले हैं न हमारा मिशन रुकने वाला है। भाजपा की नीतियां व कार्यक्रम हो या सिद्धांत देश का बर्बाद करने वाले हैं। ये फासीवादी लोग हैं, लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन एजेंसी (ईडी) ने हाल ही में अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले कई लोगों के प्रतिष्ठानों व परिसरों पर छापे मारे हैं। निदेशालय ने बुधवार को गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के घर पर भी छापे मारे।

गहलोत ने कहा, ईडी (प्रवर्तन एजेंसी) की कार्रवाई हो, आयकर विभाग की हो या सीबीआई की हो। छह साल से लगातार मैं खुद बोल रहा हूं, पूरा देश बोल रहा है कि जिस प्रकार से कार्रवाइयां शुरू हुई हैं नरेंद्र मोदी के राज में, अमित शाह के इशारे पर सीबीआई, ईडी, सबको मालूम है किस रूप में काम कर रही हैं। यह कोई नई बात नहीं है। 

जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच पुलिस ने एक क्रेडिट सोसयटी घोटाले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के शामिल होने का आरोप की जांच के लिए जयपुर की एक कोर्ट से इजाजत मांगी, जिसे मंजूर कर लिया गया है। आपको बता दें कि केन्द्रीय मंत्री पर कांग्रेस ने अशोक गहलोत सरकार को गिराने की कोशिश में शामिल होने का आरोप भी लगाया है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने पहले ही ऑडियो क्लिप की जांच के संबंध में केन्द्रीय मंत्री को एक नोटिस भेजा है, जिसमें कुछ कांग्रेस विधायकों के साथ मिलकर सरकार गिराने का आरोप है।

मंगलवार को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश पवन कुमार ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत को भाजपा नेता के खिलाफ शिकायत एसओजी को भेजने का निर्देश दिया था। शेखावत का नाम संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में उनकी पत्नी और अन्य लोगों के साथ शिकायत में लिया गया है, जिसमें हजारों निवेशकों को कथित रूप से लगभग 900 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। एसओजी की जयपुर इकाई ने पिछले साल से इस घोटाले की जांच की। 23 अगस्त 2019 को एक एफआईआर दर्ज की गई थी।

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