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वक्फ कानून के खिलाफ नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

नई दिल्ली: राज्य में अपने पूर्व डिप्टी सचिन पायलट के साथ 18 विधायकों के बागी होने के बाद सरकार बचाने के संकट से जूझ रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखते हुए राजस्थान सरकार को अस्थिर करने के प्रयास आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों की खरीद फरोख्त के जरिए सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है। 19 जुलाई को लिख गए इस पत्र में गहलोत ने लिखा- "मुझे नहीं पता कि किस हद तक आपको यह सब जानकारी में है अथवा आपको गुमराह किया जा रहा है। इतिहास ऐसे कृत्य में भागीदार बनने वालों लोगों को काफी माफ नहीं करेगा।"

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है, "मुझे पूरा विश्वास है कि अंतत: सच्चाई के साथ-साथ स्वस्थ परंपराओं एवं संवैधानिक मूल्यों की जीत होगी और हमारी सरकार सुशासन देते हुए अपना कार्यकाल पूरा करेगी।" गहलोत ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत समेत भाजपा नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि वे सभी कांग्रेस के बागी विधायकों के साथ इस कृत्य में शामिल हैं।

मथुरा: राजा मानसिंह की हत्या में दोषी पाए गए 11 पुलिसकर्मियों को बुधवार को फैसला सुनाया गया। सभी पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। दोषियों पर फैसला सुनाने के बाद राजा मानसिंह का परिवार वहां मौजूद रहा। राजा मानसिंह की पुत्री कृष्णेंद्र कौर उर्फ दीपा सिंह अपने परिजनों के साथ बुधवार को फैसला सुनने के लिए पहुंचीं। बता दें कि मंगलवार को भरतपुर के राजा मानसिंह और दो अन्य की हत्या के मामले में 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया गया था।

21 फरवरी 1985 को हुए इस बहुचर्चित हत्याकांड की सुनवाई के दौरान 1700 तारीखें पड़ीं और 25 जिला जज बदल गए। वर्ष 1990 में यह केस मथुरा जिला जज की अदालत में स्थानांतरित किया गया था। 35 साल बाद 21 जुलाई 2020 (मंगलवार) को राजा मानसिंह हत्याकांड में निर्णय हो सका था। वादी पक्ष के अधिवक्ता नारायन सिंह विप्लवी ने बताया कि अब तक आठ दफा फाइनल बहस हुई और कुल 78 गवाह पेश हुए, जिनमें से 61 गवाह वादी पक्ष ने तो 17 गवाह बचाव पक्ष ने पेश किए। घटना 21 फरवरी 1985 की है।

नई दिल्ली: राजस्थान में चल रहे सियासी जंग में एक के बाद एक वार किए जा रहे हैं। बुधवार को राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, जिसके बाद पायलट खेमे की ओर से कोर्ट में कैविएट दायर की गई है। उनकी तरफ से आग्रह किया गया है कि कोर्ट उनका पक्ष सुने बिना आदेश जारी ना करे। दरअसल, स्पीकर जोशी हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंचे हैं, जिसमें कोर्ट ने पायलट को राहत देते हुए स्पीकर से 24 जुलाई तक उनपर कोई कार्रवाई न करने का आदेश जारी किया है। मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बता दें कि स्पीकर ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर द्वारा नोटिस जारी करने पर अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती। स्पीकर के आदेश जारी के करने के अधिकार पर रोक नहीं लगाई जा सकती। आदेश जारी करने के बाद ही अदालत न्यायिक समीक्षा कर सकती है। उन्होंने राजस्थान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा पारित अयोग्यता पर आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।

जोधपुर: राजस्थान में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम बुधवार को सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के घर पर छापा मारने के लिए जोधपुर पहुंची है। सीएम के करीबियों पर ईडी की शिकंजा कसता ही जा रहा है। 

उर्वरक घोटाले में ईडी कई जगह छापेमारी कर रही है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही इस घोटाले में सीएम के भाई अग्रसेन का नाम सामने आया था। फिलहाल ईडी की छापेमारी सीएम गहलोत के भाई के यहां जारी है। वहीं ईडी के छापे पर कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 'छापाराज' पैदा किया, लेकिन हम डरेंगे नहीं।

छापे के दौरान ईडी की टीम पीपीई किट पहनकर पहुंची। टीम गहलोत के भाई के घर दस्तावेजों की जांच में जुटी हुई है। बताया गया है कि ईडी की टीम सुबह 11 बजे अग्रसेन के घर पर पहुंची। फिलहाल, ईडी की टीम अग्रसेन के अनुपम कृषि कंपनी पर छापा मार रही है। वहीं, सीमा शुल्क विभाग ने इस मामले में मुकदमा चलाया है और कंपनी पर 7 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

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