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हैदराबाद: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि भारत पारंपरिक रूप से हिंदुत्ववादी रहा है। तेलंगाना के हैदराबाद में आरएसएस के तीन दिवसीय कार्यक्रम में बोल रहे भागवत ने कहा कि यहां धर्म व संस्कृति में विभिन्नताओं के बावजूद संघ देश की 130 करोड़ की आबादी को हिंदू समाज ही मानता है। भागवत ने कहा, 'जब आरएसएस किसी को हिंदू कहता है तो इसका मतलब उन लोगों से है जो भारत को अपनी मातृभूमि मानते हैं और इस देश से प्यार करते हैं... भारत माता के बेटे, इससे कोई मतलब नहीं कि वह कौन सी भाषा बोलता है या किस धर्म का अनुयायी है, वह किसी प्रकार की पूजा-अर्चना को स्वीकार करता है या नहीं, वह हिंदू है।'

उन्होंने कहा, इसलिए संघ के लिए भारत के सभी 130 करोड़ निवासी हिंदू समाज हैं। आरएसएस सबको अपना मानता है और सबका विकास चाहता है। संघ सभी को साथ लेकर चलना चाहता है। संघ प्रमुख ने कहा, 'भारत का पारंपरिक विचार एक साथ आगे बढ़ना है... लोग कहते हैं कि हम हिंदुत्ववादी हैं। हमारा देश पारंपरिक रूप से हिंदुत्ववादी है।'

हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर भ्रम पैदा किया है। उन्होंने इसे 'काला कानून' और 'असंवैधानिक' भी बताया। साथ ही कहा कि इसके जरिए केंद्र सरकार धर्म के नाम पर भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार को कड़ा संदेश देने के लिए नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध करने वाले अपने घरों पर तिरंगा फहराएं।शनिवार को देर रात हैदराबाद में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने यह बातें कहीं।

इस दौरान उनसे पूछा गया था कि क्या सीएए को लेकर 'अफवाहों' को दूर करने की जरूरत है क्योंकि सरकार द्वारा इस बात का स्पष्ट भरोसा देने के बावजूद कि भारतीय मुसलमानों को कुछ नहीं होगा, कई मुसलमानों का दावा है कि उन्हें 'बाहर कर' दिया जाएगा। खास बात यह रही कि रैली में संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी गई।

ओवैसी ने कहा कि सरकार क्यों नहीं कहती है-असम में, जहां एनआरसी लागू किया गया, आप करीब 5.40 लाख बंगाली हिंदुओं को सीएए के जरिए नागरिकता दे रहे हैं। आप असम में 5 लाख मुसलमानों को नहीं देंगे।

हैदराबाद: गृह मंत्रालय ने एक ट्रेनी आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति को निलंबित कर दिया है, क्योंकि उस पर आरोप है कि वह अपने सेलेक्शन के बाद पत्नी को तलाक देने के लिए धमका रहा है। दरअसल गृह मंत्रालय ने भारतीय पुलिस सेवा के केवी महेश्वर रेड्डी की नियुक्ति को निलंबित कर दिया है, क्योंकि उसके खिलाफ इस बात की जांच चल रही है कि वह अपने सेलेक्शन के बाद पत्नी को तलाक के लिए धमका रहा है। आंध्र प्रदेश के कडपा के रहने वाले 28 वर्षीय केवी महेश्वर रेड्डी ने इस साल सीविल सर्विस की परीक्षा में 126वां रैंक हासिल की थी।

इस साल अक्टूबर में अधिकारी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत उत्पीड़न, आपराधिक धमकी और अत्याचार के लिए मुकदमा दर्ज किया गया था। उनकी पत्नी बीरुद्दुला भवानी (28) ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। बीरुद्दुला भवानी सिकंदराबाद में भारतीय रेलवे में काम करती हैं और वह दलित समुदाय से आती हैं। रेड्डी के खिलाफ मामला दायर किए जाने के बाद, इस मामले को केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा गृह मंत्रालय को भेज दिया गया, जो कि हैदराबाद में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।

हैदराबाद: तेलंगाना सरकार ने हैदराबाद एनकाउंटर की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। एसआईटी का नेतृत्व राचकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत करेंगे। बता दें कि सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता दिशा के चार आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद से ही एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे थे।

बता दें कि शुक्रवार सुबह हैदराबाद के एनएच 44 पर पुलिस ने जांच के दौरान क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए आरोपी को अपराध स्थल पर लाया। यहां पर आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लिए और पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस ने उन्हें चेतावनी देते हुए आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन वे गोलियां चलाते रहे। फिर पुलिस ने गोलाबारी की और चारों मुठभेड़ में मारे गए। मुठभेड़ के दौरान पुलिस के दो जवान घायल हो गए। उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। किसी ने एनकाउंटर को सराहा तो किसी ने उठाए सवाल पुलिस के इस एनकाउंटर को लेकर कई लोगों ने पुलिस की सराहना की तो कई ने इस पर सवाल भी उठाए।

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