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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

हैदराबाद: वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने शनिवार को कहा कि भारतीय वायु सेना अरुणाचल प्रदेश में हाल में दुर्घटनाग्रस्त हुए एएन-32 विमान हादसे के कारणों का पता लगाकर यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसे हादसे फिर नहीं हों। उनकी यह टिप्पणी अरुणाचल प्रदेश के दूर-दराज के इलाके में वायुसेना के विमान का मलबा मिलने के कुछ दिन बाद आई है। हादसे के वक्त विमान में 13 लोग सवार थे और सभी की मौत हो गई। उन्होंने यहां के पास डूंडीगल में वायुसेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड से इतर संवाददाताओं से कहा, “हमें फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिल गए हैं...हम इस बात की विस्तृत जांच करेंगे कि क्या हुआ और यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा दुबारा नहीं हो।”

वह अरुणाचल प्रदेश में एएन-32 परिवहन विमान हादसे से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश में, इलाके बेहद दुर्गम हैं और वहां अधिकतर बादल छाए रहते हैं...जब आप उस क्षेत्र में बादलों वाले ऐसे मौसम में उड़ान भरते हैं, तो वहां दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।

हैदराबाद: तेलंगाना में कांग्रेस को उस समय बड़ा झटका लगा, जब उसके 12 विधायकों ने बृहस्पतिवार को विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीनिवास रेड्डी से मुलाकात की और सत्तारूढ तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ कांग्रेस विधायक दल के विलय को लेकर उन्हें प्रतिवेदन दिया। राज्य की 119 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या उस समय 18 रह गई थी जब पार्टी की तेलंगाना इकाई के प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी ने नलगोंडा से लोकसभा में चुने जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से बुधवार को इस्तीफा दे दिया था।

तंदूर से कांग्रेस विधायक रोहित रेड्डी ने नाटकीय घटनाक्रम के तहत मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे और टीआरएस के कार्यवाहक अध्यक्ष के टी रामा राव से मुलाकात की और सत्तारूढ गठबंधन के प्रति अपनी वफादारी का संकल्प लिया। कांग्रेस के 11 विधायकों ने मार्च में घोषणा की थी कि वे टीआरएस में शामिल होंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक जी वेंकट रमन रेड्डी ने बताया कि 12 विधायकों ने राज्य के विकास के लिए मुख्यमंत्री के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। रेड्डी ने बताया कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को एक प्रतिवेदन देकर टीआरएस में विलय का अनुरोध किया है।

हैदराबाद: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने शुक्रवार को कहा कि काफी समय से लंबित चुनाव सुधारों को लागू करने का समय आ गया है। साथ ही उन्होंने जर्मनी की चुनाव प्रणाली पर बहस कराने का सुझाव दिया जिसमें राजनीतिक दलों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व दिया जाता है। कुरैशी ने कहा, मुझे उम्मीद है कि वे इस शासनकाल में चुनाव सुधारों पर ध्यान देंगे जो काफी समय करीब 15 से 20 साल से लंबित है। इन्हें लागू करने का समय आ गया है।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के चुनाव खर्च की सीमा तय होनी चाहिए और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक कॉलेजियम के माध्यम से की जानी चाहिए। कुरैशी ने फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट (एफपीटीपी) चुनाव प्रणाली पर बहस के लिए जोर दिया, जिसमें देश में सबसे ज्यादा वोट पाने वाले उम्मीदवार को जीत मिलती है। कुरैशी के अनुसार, यहां तक की ब्रिटेन, जहां से भारत ने यह मॉडल उधार लिया है, वह भी इस प्रणाली पर दोबारा विचार कर रहा है।

हैदराबाद: एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि चुनाव आयोग के भीतर मतभेद की खबरें चिंता का विषय हैं और आयोग में आपसी सहमति होनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया कि चुनाव आयोग देश के सबसे विश्वस्त सरकारी संस्थानों में से एक है और उसके भीतर मतभेद की खबरें चिंता का विषय हैं। टीएन शेषन मामले में उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि मुख्य चुनाव आयुक्त को अन्य चुनाव आयुक्तों के मुकाबले ऊंचा दर्जा प्राप्त नहीं है और उन्हें सहमति बनाने के लिए काम करना चाहिए। मूलभूत संवैधानिक नियमों का सम्मान किया जाना चाहिए।

ओवैसी ने चुनाव आयुक्त अशोक लवासा द्वारा खुद को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित मामलों से अलग करने की खबर को भी टैग किया।

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