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श्रीनगर: जम्‍मू और कश्‍मीर हाईकोर्ट ने केंद्र शासित क्षेत्र के प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह आमिर मागरे के शव को करीब छह माह बाद कब्र से बाहर निकाले। आमिर और तीन अन्‍य, श्रीनगर के हैदरपोरा में एक विवादित एनकाउंटर में मारे गए थे। गौरतलब है कि पुलिस ने आमिर मागरे का शव उसके पिता लतीफ को सौंपने से इंकार कर दिया था। लतीफ की जम्‍मू-कश्‍मीर के रामबन डिस्ट्रिक्‍ट के आतंकवाद रोधी कार्यकर्ता के तौर पर पहचान है। पुलिस ने कहा था कि आमिर, एक पाकिस्‍तानी आतंकी का करीबी सहयोगी था और उसकी गतिविधियां बताती है कि वह भी आतंकी था। ऐसे में उसका शव अंतिम संस्‍कार के लिए उसके परिवार के लिए नहीं दिया गया था।

बहरहाल, जस्टिस संजीव कुमार की बेंच ने शुक्रवार को सरकार को शव को बाहर निकालने और उसे रामवन जिले के गांव में पहुंचाने की व्‍यवस्‍था करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि नवंबर 2021 में हैदरपोरा में हुए इस एनकाउंटर के बाद परिजनों ने आरोप लगाया था कि ये सुरक्षा बलों के 'फर्जी' एनकाउंटर में मारे गए थे। आमिर, डेंटल सर्जन डॉक्‍टर मुदासिर के ऑफिस में काम करता था जो खुद इस एनकाउंटर में मारे गए थे।

नई दिल्ली: लद्दाख के तुरतुक सेक्टर में शुक्रवार को हुए सड़क हादसे में सात सैनिकों की मौत हो गई। सेना से मिली जानकारी के मुताबिक, सुबह नौ बजे लद्दाख के परतापुर के ट्रांजिट कैम्प से 26 सैनिकों को लेकर एक गाड़ी हनीफ सब सेक्टर के अग्रिम चौकी की ओर रवाना हुई। थोइस से करीब 25 किलोमीटर दूर सैनिकों को लेकर जा रहा वाहन सड़क से फिसलकर 50 से 60 फ़ीट गहरी श्योक नदी में जा गिरा।

सभी जख्मी 26 जवानों को निकालकर परतापुर के 403 फील्ड अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेह से सर्जिकल टीम को परतापुर अस्पताल भेजा गया। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक सात सैनिकों को मृत घोषित कर दिया गया है। बाकी घायल बचे 19 सैनिकों को वायुसेना की मदद से वेस्टर्न कमांड के अस्पताल चंडीमंदिर शिफ्ट कर दिया गया है, ताकि उनको बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सड़क दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता दी जा रही है।

श्रीनगर (कश्मीर): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला को समन जारी किया है। फारूक अब्दुल्ला को मनी लॉन्डरिंग केस में ये समन जारी किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 31 मई को जांचकर्ताओं के सामने पेश होने के लिए कहा है। एक अधिकारी ने ये जानकारी दी। कहा जा रहा है कि ये मामला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन घोटाला से जुड़ा हुआ है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत नई दिल्ली मुख्यालय में 31 मई को पेश उन्हें पेश होने को कहा है।

84 वर्षीय फारूक अब्दुल्ला से ईडी इस मामले में कई बार पूछताछ कर चुकी है। ईडी ने आरोप लगाया है कि अब्दुल्ला ने अतीत में जेकेसीए के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का "दुरुपयोग" किया और खेल निकाय में नियुक्तियां कीं ताकि बीसीसीआई द्वारा प्रायोजित धन का दुरुपयोग किया जा सके।

प्रवर्तन निदेशालय ने जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) के पूर्व पदाधिकारियों से संबंधित धनशोधन के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक की संपत्ति को दिसंबर 2020 में अस्थायी रूप से कुर्क किया था।

नई दिल्ली: टेरर फंडिंग केस में दिल्‍ली की एनआइए कोर्ट ने आतंकी यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। हालांकि एनआइए ने यासीन मलिक को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की थी। अदालत ने साथ ही मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले एनआइए के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत में सजा पर जिरह हुई। यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने के मद्देनजर कोर्ट परिसर में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। दूसरी ओर आतंकी फंडिंग मामले में यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने को लेकर बुधवार को पूरे कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर रहे।

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट आज आतंकी यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के मामले में बहस पूरी हो चुकी है। कोर्ट साढ़े तीन बजे फैसला सुनाएगा। कोर्ट में एनआईए की तरफ से यासीन मलिक को फांसी देने की मांग की गई है। वहीं बचाव पक्ष ने उम्रकैद की मांग की है। कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पहले ही अदालत ने दोषी करार दे दिया था।

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