ताज़ा खबरें
मंत्री विजय शाह पर चार घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज करें: हाईकोर्ट
बीएसएफ जवान को पाकिस्तान ने लौटाया, अटारी बॉर्डर से वतन लौटा
न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई बने भारत के नए प्रधान न्यायाधीश

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के सोपोर में सुरक्षा बलों के बंकर पर पेट्रोल बम फेंकने वाली बुर्का पहने महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। महिला की पहचान बारामूला निवासी हसीना अख्तर के रूप में हुई है, जो कथित तौर पर प्रतिबंधित महिला अलगाववादी समूह दुख्तारन-ए-मिलत से जुड़ी है। पुलिस ने कहा कि उस पर पहले से ही यूएपीए के तहत तीन मामले चल रहे हैं।

बता दें कि मंगलवार को किया गया ये हमला कैमरे में कैद हो गया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल, बारामूला जिले के सोपोर शहर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर के सीसीटीवी फुटेज में महिला को सड़क के बीच में रुकते हुए और अपने साथ ले जा गए पर्स एक बम निकालते हुए और शिविर में फेंकते हुए देखा जा सकता है।

पुलिस ने कहा कि बम सुरक्षा बैरिकेड्स के बाहर गिरा था और इससे कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। पुलिस ने कहा कि महिला प्रतिबंधित महिला अलगाववादी समूह दुख्तारन-ए-मिलत से जुड़ी थी और कुछ महीने पहले ही जमानत पर रिहा हुई थी।

श्रीनगर: उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर कस्बे में सीआरपीएफ बंकर पर बुर्का पहन हमला करने वाले शख्स की पहचान हो गई है। बताया जा रहा है कि उसका कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। बुधवार को आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि हमला करने वाली महिला है, जिसकी पहचान कर ली गई है। उसे पकड़ने के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ बंकर पर बुर्का पहन हमला करने वाली महिला लश्कर-ए-तैयबा की ओवर ग्राउंड वर्कर है और पहले भी कुछ आपराधिक मामलों में शामिल पाई गई है। उसकी धरपकड़ के लिए पुलिस और सुरक्षाबल संयुक्त अभियान चला रहे हैं।

आपको बता दें कि उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर कस्बे में मंगलवार शाम बुर्का पहने एक शख्स ने सीआरपीएफ के बंकर पर पेट्रोल बम से हमला कर दिया था। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। हमलावर की तस्वीर सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई थी।

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की नई परिसीमन प्रक्रिया का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर परिसीमन प्रक्रिया को चुनौती दी गई है। याचिका में परिसीमन अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की गई है। जम्मू-कश्मीर निवासियों ने ये याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में परिसीमन करने के लिए परिसीमन आयोग के गठन की अधिसूचना असंवैधानिक है। यह वर्गीकरण के बराबर है और समानता के अधिकार का उल्लंघन है। केंद्र ने उन शक्तियों को हड़प लिया है जो मूल रूप से भारत के चुनाव आयोग के पास हैं।

याचिका में केंद्र सरकार द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधान सभा में सीटों की संख्या 83 से बढ़ाकर 90 करने का विरोध भी किया गया है। कहा गया है कि मार्च 2020 की अधिसूचना जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश और असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड राज्यों में परिसीमन करने के लिए परिसीमन आयोग का गठन करना अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन है।

श्रीनगर: इस साल अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होगी और 43 दिनों तक चलेगी। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल कार्यालय ने आज अमरनाथ यात्रा को लेकर ट्वीट किया। यात्रा का कार्यक्रम तय करने का फैसला उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की बैठक में लिया गया।

साल 2019 में अमरनाथ यात्रा बीच में ही रद्द कर दी गई थी। यह ठीक उससे पहले हुआ था जब जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटा दिया गया था और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। इसके बाद, कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में केवल एक प्रतीकात्मक यात्रा निकाली गई।

राज्यपाल सिन्हा के कार्यालय ने ट्वीट किया, "आज श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की बैठक हुई। 43 दिवसीय पवित्र तीर्थयात्रा 30 जून को सभी कोविड प्रोटोकॉल के साथ शुरू होगी और रक्षा बंधन के दिन परंपरा के अनुसार समाप्त होगी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख