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जम्मू: जम्मू जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सुंजवां में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए पाक स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के दो आतंकवादी भारी नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहे थे। सिंह ने यह भी कहा कि "खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों ने बड़ी साजिश को टालने में मदद की। मीडिया से बात करते हुए, एडीजीपी ने कहा, "उन्होंने जिस तरह की जर्सी (आईईडी जर्सी) पहनी थी, उससे यह स्पष्ट है कि वे यहां भारी नुकसान पहुंचाने आए थे।"

इस घटना के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए, उन्होंने कहा कि सुंजवां के एक इलाके को शुक्रवार को तड़के खुफिया एजेंसियों द्वारा प्राप्त इनपुट के आधार पर घेर लिया गया था। सिंह ने कहा, "हमने रात भर घेराबंदी की। सुबह करीब चार बजे आतंकवादियों ने बाहर निकलने की कोशिश की और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, जिसमें पांच जवान घायल हो गए।" इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को घेरने में कामयाबी हासिल की, जिसके बाद एक तलाशी अभियान शुरू किया गया और दोनों आतंकवादी मारे गए।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से दो दिन पहले जम्मू में सेना के एक प्रतिष्ठान के पास सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ जारी है। अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती गोलीबारी में एक सुरक्षा अधिकारी शहीद हो गया और चार अन्य घायल हो गए। मुठभेड़ तब शुरू हुई जब सुरक्षा बलों ने जम्मू शहर के सुंजवां छावनी इलाके में तड़के अभियान शुरू किया। पुलिस ने कहा कि उनके पास सूचना थी कि आतंकवादी शहर में हमले की योजना बना रहे थे।

जम्मू जोन के एडीजीपी मुकेश सिंह ने इस मुठभेड़ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया है। जबकि चार जवान घायल हुए हैं। घेराबंदी कर इलाके को खाली करा दिया गया है और मुठभेड़ अभी भी जारी है। एडीजीपी मुकेश सिंह के अनुसार आतंकवादी घरों में छिपे हुए हैं।

ये मुठभेड़ प्रधानमंत्री मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे से ठीक पहले हुई है। दरअसल पीएम मोदी रविवार को जम्मू जा रहे हैं। यहां पीएम मोदी एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे, जिसमें हजारों पंचायत सदस्य शामिल होंगे।

श्रीनगर: जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकी हमले थमने का नाम नहीं ले रहे। कश्‍मीर के पुलवामा जिले में सोमवार को हुए हमले में रेलवे प्रोटेक्‍शन फोर्स (आरपीएफ) के एक जवान को आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया एक अन्‍य जवान हमले में घायल हुआ है। सूत्रों ने बताया कि हेड कांस्‍टेबल सुरिंदर सिंह और असिस्‍टेंट सब इंस्‍पेक्‍टर देवराज को काकापोरा में एक टी स्‍टॉल के करीब गोली मारी गई। दोनों को अस्‍पताल ले जाया गया जहां सुरिंदर सिंह को मृत घोषित कर दिया गया। आतंकी हमला करने के उपरांत वहां से भागने में कामयाब हो गए। सुरक्षाबलों और स्थानीय पुलिस ने आतंकियों की धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान छेड़ दिया है। पुलिस ने अभी तक एक आरपीएफ जवान के बलिदान की पुष्टि की है जबकि एक अन्य की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।

गौरतलब है कि कश्‍मीर घाटी में पिछले तीन सप्‍ताह में सुरक्षा बलों और आम नागरिकों पर आतंकी हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। इस माह यह 9वां आतंकी हमला था। पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर आतंकियों की धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान छेड़ दिया गया है।

श्रीनगर: जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकी हमले थमने का नाम नहीं ले रहे. शुक्रवार को टारगेट कर किए गए हमले में आतंकियों ने जम्‍मू-कश्‍मीर के बारामुला में एक गांव के सरपंच की गोली मारकर हत्‍या कर दी। कश्‍मीर में पिछले छह सप्‍ताह में किसी पंचायत सदस्‍य की हत्‍या की यह चौथी घटना है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, सरपंच मंजूर अहमद बंगारू को शुक्रवार शाम को बारामुला जिले के पट्टन के गोशबुघ एरिया में बेहद नजदीक से गोली मारी गई। हमले में वे बुरी तरह से घायल हो गए थे और बाद में अस्‍पताल पहुंचाए जाने पर डॉक्‍टरों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया। हाल के हमलों में आतंकियों ने पंचायत सदस्‍यों को मुख्‍य रूप से निशाना बनाया है।

इससे पहले तीन अप्रैल को पुलवामा के लिट्टर इलाके में पोल्ट्री वाहन के पठानकोट निवासी चालक-खलासी, पुलवामा के लोजूरा में तीन अप्रैल को बिहार निवासी दो मजदूर, तीन अप्रैल को ही शोपियां के छोटीगाम में कश्मीरी पंडित दवा कारोबारी बाल कृष्ण, सात अप्रैल को पुलवामा के याडर में पठानकोट निवासी एक मजदूर को आतंकियों ने गोली मारकर घायल कर दिया।

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