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जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं के बीच बढ़ते विवाद में, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की एंट्री हो गई है। सचिन पायलट ने आज सवाल किया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने भाजपा की वसुंधरा राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई क्यों नहीं की?

जयपुर लिट फेस्ट में बोलते हुए सचिन पायलट ने कहा, "सरकार को वसुंधरा राजे के खिलाफ आरोपों पर कार्रवाई करनी चाहिए। अभी एक साल बाकी है।" पायलट ने कहा, "जब हम विपक्ष में थे तो हमने वसुंधरा राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाए थे। लेकिन चार साल में हम उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाए। अभी एक साल बाकी है।"

यह टिप्पणी एक वीडियो के बाद आयी है, जिसमें अशोक गहलोत को अपने प्रतिद्वंद्वी का नाम लिए बिना यह कहते हुए दिखाया गया है कि महामारी के बाद एक "बड़ा कोरोनो वायरस" पार्टी में प्रवेश कर गया।

गहलोत को प्री-बजट मीटिंग में लोगों से कहते हुए सुना गया, "मैंने बैठकें फिर से शुरू कर दी हैं.. पहले कोरोना था.. हमारी पार्टी में भी एक बड़ा कोरोना आ गया है।"

जयपुर: कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट की पूरे राजस्‍थान में रैलियां करने की योजना कांग्रेस की राज्‍य इकाई में नई खींचतान का कारण बन सकती है। राज्‍य में विधानसभा चुनाव महज 10 माह ही दूर हैं। गौरतलब है कि सार्वजनिक सभाओं की श्रंखला के तहत पायलट अगले सप्‍ताह से किसानों और युवाओं को संबोधित करेंगे। रिपोर्टों में कहा गया है कि राजस्थान में सफल भारत जोड़ो यात्रा के बावजूद नेतृत्व के अनसुलझे मुद्दे को लेकर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर सचिन पायलट ने यह एकल अभियान शुरू करने का फैसला किया है।

पायलट के करीबी सूत्रों ने "अल्टीमेटम" की खबरों का खंडन करते हुए कहा है कि यह कदम लोगों, विशेषकर युवाओं और किसानों के बीच भारत जोड़ो यात्रा के बाद उत्साह बनाए रखने और विधानसभा से पहले उनमें ऊर्जा संचारित करने के लिए उठाया गया है। राजस्‍थान में इस वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं।

पर्यवेक्षक मानते हैं कि इस कदम के पीछे राजस्‍थान में अपनी प्रासंगिता बनाए रखने की सचिन पायलट का 'सियासी केलकुलेशन' भी है।

जयपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के राजस्थान दौरे के समय सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। पाली जिले के रोहट में चार जनवरी को हेलीपेड पर त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा तोड़कर एक महिला कनिष्ठ अभियंता ने राष्ट्रपति के पैर छू लिए। हालांकि पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिसकर्मी कनिष्ठ अभियंता को पुलिस थाने ले गए जहां पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। इस मामले पर गृह मंत्रालय ने राज्य पुलिस से रिपोर्ट मांगी है।

दरअसल,राष्ट्रपति रोहट के पास निंबोली ब्राह्मण गांव में स्काउट गाइड की राष्ट्रीय जंबूरी का उद्धाटन करने पहुंची थी। हेलीपेड पर उनकी सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय बंदोबस्त किया गया था। राष्ट्रपति विमान से उतरकर कार की तरफ जा रहीं थी तो जलदाय विभाग में तैनात महिला कनिष्ठ अभियंता ने आगे बढ़कर उनके पैर छू लिए। राष्ट्रपति के सुरक्षाकर्मियों से महिला को हटाया।

बाद में जिला पुलिस अधीक्षक गगनदीप सिंगला के निर्देश पर कनिष्ठ अभियंता को रोहट पुलिस थाने ले जाकर पूछताछ की गई थी। बाद में उसे छोड़ दिया गया था।

जयपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार के खिलाफ पार्टी की जन आक्रोश सभाएं अभी यथावत रहेंगी। इससे पहले द‍िन में पूनियां ने एक ट्वीट कर कहा था, 'पार्टी की “जनाक्रोश यात्रा” को कोविड की सामान्य सावधानी एवं निर्देशों को देखते हुए जनहित में आगामी समय तक स्थगित किया गया है।' हालांकि शाम को पूनियां ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश में स्थिति स्पष्ट की।

उन्होंने कहा, 'अब चूंकि जन आक्रोश सभाएं होनी हैं जो 41 विधानसभा क्षेत्र में संपन्न हो गईं। चूंकि केंद्र व राज्यों का परामर्श अभी जारी नहीं हुआ है, कुछ असमंजस था। असमंजस यात्राओं को स्थगित करने को लेकर था। लेकिन हमारी जो जनसभाएं हैं ... मैं निवेदन करना चाह रहा हूं कि वो यथावत रहेंगी।' उन्होंने कहा, 'कुछ संशय था, जो हमारे जिला अध्यक्ष व पार्टी के पदाधिकारी दूर कर लें... हमारी जनाक्रोश सभाएं यथावत रहेंगी। ये जरूरी है कि कोरोना की सावधानी हमें रखनी है, कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करना है। इस लिहाज से हमें इन सभाओं को आगे तक इसी तरह जारी रखना है।

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