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जयपुर: बांग्लादेश की लेखिका और मानवाधिकार कार्यकर्ता तस्लीमा नसरीन ने सोमवार को समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए कहा कि लोगों को अपने अधिकार दिलाने के लिए यह कदम ‘तुरंत’ उठाने की जरूरत है। जयपुर साहित्य उत्सव के एक सत्र में लेखिका ने कहा कि इस्लामिक समाज को प्रगति करने के लिए आलोचनाओं के प्रति ज्यादा सहिष्णु होना चाहिए। कट्टरपंथियों के निशाने पर आने के बाद से वह 1994 से निर्वासन में रह रही हैं। उन्होंने कहा, ‘इस्लामिक समाज के लिए सहिष्णु बनना आवश्यक है और आलोचनाओं को स्वीकार किए बगैर प्रगति नहीं हो सकती। लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए समान नागरिक संहिता अत्यंत आवश्यक है।’ लेखिका ने धार्मिक कट्टरपंथियों की आलोचना करते हुए कहा कि वह ‘राष्ट्रवाद’ या ‘धार्मिक कट्टरता’ जैसे शब्दों पर विश्वास नहीं करतीं। उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रवाद, धार्मिक कट्टरपंथ में विश्वास नहीं करती। मैं एक विश्व में विश्वास करती हूं। मैं अधिकारों, स्वतंत्रता, मानवता और समानता में विश्वास करती हूं। जब तक इस्लाम आलोचनाओं को स्वीकार नहीं करता तब तक किसी भी इसलामिक देश को धर्मनिरपेक्ष नहीं माना जा सकता।

जयपुर: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महात्मा गांधी के बारे में सिर्फ बातें करते हैं और राष्ट्रपिता के प्रति ‘काफी नफरत रखने वाले’ बुद्धिजीवी (सत्तारूढ पार्टी के) अब बापू का नायक के तौर पर सराहना कर रहे हैं। उन्होंने जयपुर साहित्य उत्सव में यहां कहा, ‘महात्मा गांधी पर जुबानी जमा खर्च करना सबसे आसान है। भाजपा सांसद साक्षी महाराज एक उदाहरण हैं, जिन्होंने नाथूराम गोडसे की मूर्ति बनाने की मांग की जबकि सरकार राजनीतिक और सामाजिक जीवन के ज्यादातर क्षेत्र में गांधी को प्रतीक के तौर पर अपना रही है।’ थरूर ने कहा, ‘स्कूलों में रामायण और महाभारत उसी तरह से पढ़ाया जाना चाहिए, जिस तरह से इलियाड (प्राचीन यूनानी महाकाव्य) और ओडेसी (यूनानी योद्धा ओडीसियस की 10 वर्षीय यात्रा पर आधारित महाकाव्य) पढ़ाया जाता है। लेकिन मैं हमारी शिक्षा प्रणाली में राजनीतिक विचारधारा को शामिल किए जाने के पक्ष में नहीं हूं।’ भारत में शिक्षा पर ब्रिटेन की विरासत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के स्कूलों और कॉलेजों में शेक्सपियर की रचनाएं पढ़ाई जाती हैं लेकिन कालिदास की रचनाओं को पढ़ाने पर जोर नहीं दिया जाता। थरूर ने ‘रिमेम्बरिंग द राज’ पर एक सत्र में यह बात कही। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन का इरादा भारतीयों को रेलवे, अंग्रेजी भाषा, क्रिकेट और राजनीतिक लोकतंत्र से फायदा पहुंचाना नहीं था बल्कि ब्रिटिश हितों को पूरा करने के लिए इन्हें यहां लाया गया था।

जयपुर: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने शुक्रवार की रात आरक्षण के मुद्दे पर स्पष्ट कहा कि संविधान के तहत दिये गये आरक्षण के प्रावधानों जारी रहने चाहिए और इसमें बिना वजह किसी प्रकार का विवाद पैदा नहीं होना चाहिए। आरएसएस के सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने यहां संवाददाताओं को बताया कि जब तक अपने देश में जातीय आधारित जन्म आधारित, भेदभाव असमानता रहेगी तब तक आरक्षण की सुविधा रहनी चाहिए। यही बात उन्होंने जयपुर साहित्य महोत्सव में कही थी। ‘मैंने वहां भी यही कहा था कि जब तक जन्म आधारित, जातीय आधारित और अन्य सामाजिक असमानता रहेगी तो संविधान के अनुसार दिया गया आरक्षण जारी रहना चाहिए और आरएसएस उसका पूरी तरह से समर्थन करता है। यहीं आरएसएस का पक्का रूख है इसमें कोई विवाद नहीं है।’ उन्होंने कहा कि साहित्य महोत्सव में मनमोहन वैद्य ने भी सत्र के दौरान प्रश्न का उत्तर देते समय जो कहा था उसका मतलब था कि संविधान में जातीय आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है।

जयपुर: उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनावों की सरगर्मी जोरों पर है। ऐसे में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के वरिष्‍ठ पदाधिकारी की ओर से आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर एक बार फिर ऐसा बयान आया है जिसकी वजह से इन चुनावों में भी भाजपा का हाल बिहार चुनाव की तरह ना हो जाए। संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में आरक्षण पर बोलते हुए कहा कि इतने सालों में इसका कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में इस पर विचार किये जाने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि सभी को समान रूप से अधिकार मिलना चाहिए। मनमोहन वैद्य ने कहा है कि दलितों को मिला आरक्षण ख़त्म कर दिया जाना चाहिए। उन्हें शिक्षा दी जानी चाहिए, कोटा नहीं। उन्‍होंने कहा, 'डॉ. अंबेडकर ने कहा है कि आरक्षण एक समय के बाद ख़त्म कर दिया जाना चाहिए। लंबे समय से उनके साथ भेदभाव का व्यवहार हुआ इसके चलते आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई। लेकिन अब सबको बराबर का मौक़ा मिलना चाहिए और दलितों लोगों के लिए अन्य प्रकार से हल ढूंढना चाहिए। मनमोहन वैद्य ने कहा कि आरक्षण के नाम पर लोगों को सैकड़ों साल से अलग करके रखा गया है जिस खत्म करने की जिम्मेदारी हमारी है।

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