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वक्फ कानून के खिलाफ नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने देश में सूखे की स्थिति पर आंखें बंद रखने को लेकर केंद्र सरकार को बुधवार को आड़े हाथों लिया। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति एन वी रमण की पीठ ने गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ)‘स्वराज अभियान’की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि देश के नौ राज्य सूखे से प्रभावित हैं और केंद्र सरकार इस पर अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती। पीठ ने इससे निपटने के लिए जरूरी कदम उठाये जाने की आवश्यकता भी जताई। न्यायालय ने केंद्र को गुरुवार तक हलफनामा देकर यह बताने का निर्देश दिया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) योजना सूखा-प्रभावित राज्यों में कैसे लागू की जा रही है। शीर्ष अदालत ने सरकार से यह जानना चाहा है कि इन राज्यों में वह किस तरह फंड मुहैया करा रही है। योगेंद्र यादव के एनजीओ की तरफ से दायर की गई जनहित याचिका में सूखा प्रभावित राज्यों के लोगों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न उपलब्ध कराने का केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है। साथ ही राहत एवं पुनर्वास के अन्य उपाय किये जाने के लिए केंद्र को आदेश देने का अनुरोध भी किया गया है।

नई दिल्ली: हाल में विवादों के केंद्र में रहे जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी एवं हैदराबाद यूनिवर्सिटी केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सूची में शीर्ष पर हैं जबकि आईआईटी मद्रास एवं आईआईएम बेंगलूर टैक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट संस्थानों में अव्वल हैं। सरकार द्वारा सोमवार को जारी अभी तक की पहली घरेलू रैकिंग में इन संस्थानों को टॉप स्थान दिया गया है। टैक्नोलॉजी संस्थानों में आईआईटी मुंबई को दूसरा स्थान मिला है जबकि इसके बाद आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी दिल्ली एवं आईआईटी कानपुर का स्थान है। मणिपाल कॉलेज ऑफ फार्मेसी देश के फार्मेसी शिक्षण संस्थानों में सबसे आगे है। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (एनआईआरएफ) में 4 श्रेणी के 3500 विभिन्न संस्थाओं को शामिल किया गया है। यूनिवर्सिटी श्रेणी में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगूलर (जो एक मानद यूनिवर्सिटी है) को टॉप रैकिंग वाला संस्थान माना गया है जबकि रसायन टैक्नोलॉजी संस्थान (आईसीटी) मुंबई का स्थान इसके बाद है।

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने भारत माता की जय कहने से इनकार करने वालों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और योग गुरू रामदेव की ओर से की गई टिप्पणियों से मंगलवार को असहमत जताते नजर आए। उन्होंने कहा कि ये ऐसे विचार हैं जिसे सरकार की ओर से किसी आदेश द्वारा अधिकृत नहीं किया गया है। एक अन्य केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने टिप्पणियों के महत्व को कमतर करने का प्रयास किया और कहा कि ऐसी टिप्पणियों पर विवाद इसलिए खड़ा किया जाता है ताकि एनडीए सरकार का ध्यान उसके विकास कार्यों से बंटाया जा सके। नायडू ने फड़णवीस की टिप्पणी पर कहा, 'वह उनका विचार है और मैं उनसे सहमत नहीं हूं। क्या सरकार ने कोई परिपत्र जारी करके कहा है कि जो भारत माता की जय नहीं कहेंगे उन्हें देश छोड़ देना चाहिए?' नायडू ने कहा कि भारत माता की जय का नारा बाध्यकारी नहीं है और उसे किसी पर किसी सरकारी आदेश द्वारा थोपा नहीं गया है।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर पाक मीडिया में आई उस रिपोर्ट के लिए निशाना साधा जिसमें कहा गया कि पठानकोट आतंकवादी हमले की जांच के लिए आई जेआईटी ने 'इसे भारत द्वारा रची गई नौटंकी बताया है ताकि पाकिस्तान को बदनाम किया जा सके।' कांग्रेस ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष शाह को पाकिस्तान को गंभीरता का प्रमाणपत्र बांटने के लिए माफी मांगनी चाहिए। वहीं मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मोदी पाकिस्तान की वजह से बार-बार ऐसी स्थिति में पड़ रहे हैं, जिससे राष्ट्र शर्मसार हो रहा है। वरिष्ठ कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने पत्रकारों से कहा, 'हम पहले दिन से यह पूछ रहे हैं कि उनके एनएसए अजित डोवाल और पाकिस्तानी एनएसए नासिर जंजुआ के बीच हुई बातचीत में ऐसा क्या था जिससे प्रधानमंत्री को लगा कि पाकिस्तान वार्ता और शांतिपूर्ण प्रक्रिया का समर्थन कर रहा है। लेकिन वह और उनकी सरकार लगातार इस पर चुप्पी साधे है। पहले उफा में मुलाकात के बाद उधमपुर और फिर गुरदासपुर में हमला हुआ। इसके बाद नवाज शरीफ से उनके लाहौर स्थित घर पर हुई उनकी नाटकीय भेंट के पांच दिन बाद ही पठानकोट में आतंकी हमला हुआ।

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