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वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पूर्व विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है। इसके बाद इन अधिकारियों को गोपनीय जानकारी तक पहुंचने का अधिकार नहीं रहेगा। मामले में अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड ने कहा कि यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर उठाया गया है।

सूची में इन अधिकारियों ने नाम शामिल

ट्रंप द्वारा जिन अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी रद्द की गई, उनमें पूर्व अमेरिकी उप अटॉर्नी जनरल लिसा मोनाको, चेक गणराज्य में पूर्व अमेरिकी राजदूत नॉर्मन ईसेन, न्यूयॉर्क अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स, मैनहट्टन जिला अटॉर्नी एल्विन ब्रैग और अमेरिकी अटॉर्नी एंड्रयू वीसमैन शामिल हैं। इसके अलावा, हंटर बाइडन के गलत सूचना पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 51 लोग भी इस सूची में हैं। गबार्ड ने एक्स पर पोस्ट करके जानकारी दी कि राष्ट्रपति का दैनिक ब्रीफ अब पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन को भी नहीं दिया जा रहा है।

टोरंटो: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर कनाडा, चीन समेत कई देशों में आक्रोश है। जहां अब चीन के द्वारा अमेरिकी कृषि उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के बाद अब कनाडा के सबसे बड़े प्रांत ओंटारियो ने भी ट्रंप के टैरिफ पर पलटवार करते हुए अमेरिकी राज्यों में ओंटारियो द्वारा दी जाने वाली बिजली की कीमतों में 25 प्रतिशत अधिक वसूलने का एलान किया है।

25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क का एलान

मामले में ओंटारियो के प्रीमियर डग फोर्ड ने घोषणा की है कि सोमवार से वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार युद्ध का जवाब देते हुए 1.5 मिलियन अमेरिकियों से बिजली की कीमत पर 25% अधिक शुल्क वसूलेंगे। बता दें कि ओंटारियो, जो मिनेसोटा, न्यूयॉर्क और मिशिगन जैसे अमेरिकी राज्यों को बिजली आपूर्ति करता है। इसी आधार पर ओंटारियो का ये कदम ट्रंप के व्यापारिक फैसलों के विरोध में उठाया गया है। ओंटारियो की सरकार के अनुसार नए नियमों के तहत अमेरिका को बिजली बेचने वाले जनरेटर को 25% अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

ओटावा: मार्क कार्नी को कनाडा की लिबरल पार्टी का नया नेता चुना गया है। वह जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे और कनाडा के 24वें प्रधानमंत्री बनेंगे। बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर रहे मार्क कार्नी अब आम चुनावों में लिबरल पार्टी का नेतृत्व करेंगे। ट्रूडो ने जनवरी में अपने पद से इस्तीफे का एलान कर दिया था।

लिबरल पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में कार्नी को निर्णायक जीत मिली है। उन्हें कुल 85.9 फीसदी वोट मिले। कार्नी ने अपने कैंपेन में खुद को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विरोधी के तौर पर पेश किया। ट्रंप की टैरिफ धमकी को लेकर कार्नी ने कहा कि हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका के खिलाफ टैरिफ तब तक लागू रहेगा जबतक अमेरिका हमारे साथ मुक्त व्यापार समझौता नहीं करता।

कौन हैं मार्क कार्नी

कनाडा की राजनीति में तेजी से उभरे 59 वर्षीय मार्क कार्नी एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और पूर्व केंद्रीय बैंकर हैं। जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के एलान के बाद वह प्रधानमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहे थे।

कैलिफोर्निया: अमेरिकी राज्य लॉस एंजिल्स में तथाकथित 'खालिस्तानी जनमत संग्रह' से कुछ दिन पहले, कैलिफोर्निया के चिनो हिल्स में मौजूद बीएपीएस हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई और उस पर आपत्तिजनक संदेश भी लिख दिए गए हैं। अमेरिका के लिए बीएपीएस के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घटना का विवरण साझा किया। इसने इस बात पर भी जोर दिया कि वे 'नफरत को कभी जड़ नहीं जमाने देंगे' और शांति और करुणा कायम रहेगी।

एक्स पर एक पोस्ट में, बीएपीएस पब्लिक अफेयर्स ने लिखा, 'एक और मंदिर अपवित्र किए जाने के बाद, इस बार चिनो हिल्स, कैलिफोर्निया में, हिंदू समुदाय नफरत के खिलाफ डटकर खड़ा है। चिनो हिल्स और दक्षिणी कैलिफोर्निया के समुदाय के साथ मिलकर हम कभी भी नफरत को जड़ नहीं जमाने देंगे। हमारी साझा मानवता और आस्था यह सुनिश्चित करेगी कि शांति और करुणा कायम रहे।' वहीं इस मामले में हिंदुओं के गठबंधन (सीओएचएनए) ने भी एक्स पर घटना का विवरण साझा किया और कहा कि कैलिफोर्निया में प्रतिष्ठित बीएपीएस मंदिर का अपमान लॉस एंजिल्स में 'तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह' से पहले हुआ है।

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